8th Pay Commission : केंद्र सरकार के करीब 1 करोड़ 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है। नई सरकार बनने के बाद उनके वेतन में काफी बढ़ोतरी हो सकती है. इसके लिए कर्मचारियों की ट्रेड यूनियनें नया भुगतान आयोग बनाने की मांग करती हैं.
कर्मचारियों की बुनियादी आवश्यकताएँ
कर्मचारियों की ट्रेड यूनियनों का मुख्य मुद्दा यात्रा व्यय भत्ते से जुड़ा है। आज, श्रमिकों के वेतन का भत्ता 50% है। केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक, लागत प्रीमियम 50% तक पहुंचने पर इसे शून्य कर दिया जाता है। इसलिए कर्मचारी संघ चाहते हैं कि सरकार एक नया वेतन आयोग बनाए ताकि उनका वेतन बढ़ाया जा सके।
मांग और समर्थन
इस मांग का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय कर्मचारी परिषद और अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ ने नई सरकार से नए वेतन आयोग की मांग करने की तैयारी की. भारतीय रेलवे के तकनीकी पर्यवेक्षक संगठन ने इस संबंध में सरकार को पत्र भी लिखा है.
संभावित लाभ
अगर सरकार इस शर्त को पूरा करती है तो इससे 1 करोड़ 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा लाभ मिलेगा. पिछले वेतन आयोग में सरकार ने कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 2.57 गुना बढ़ाया था और मूल वेतन 18,000 रुपये कर दिया था.
नये भुगतान आयोग का क्या होगा?
यदि एक नया भुगतान आयोग बनाया जाता है, तो अनुपालन अनुपात बढ़कर 3.68 हो जाएगा। वहीं, न्यूनतम वेतन बढ़कर 26,000 रुपये हो सकता है. हालाँकि, इसे 1 जनवरी 2026 से पेश किया जा सकता है। इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि, केंद्र सरकार पहले भी संसद में बार-बार कह चुकी है कि अगले वेतन आयोग के बारे में फिलहाल कोई विचार नहीं है. लेकिन ट्रेड यूनियनों की लगातार मांग के बाद सरकार को इस पर विचार करना होगा.
नए वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी और उनकी सैलरी में भी काफी बढ़ोतरी होगी. इसलिए कर्मचारियों की ट्रेड यूनियनों की ऐसी मांग उचित प्रतीत होती है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेना चाहिए।
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